प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने बुधवार को तीन तलाक पर अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. आपको बता दें कि संसद के मॉनसून सत्र के दौरान राज्यसभा में राजनीतिक सहमति न बन पाने की वजह से तीन तलाक पर संशोधन बिल पास नहीं हो सका था. अब इसकी गूंज संसद में भी सुनाई दे रही है.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने बुधवार को तीन तलाक (इंस्टैंट ट्रिपल तलाक) पर अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. आपको बता दें कि संसद के मॉनसून सत्र के दौरान राज्यसभा में हंगामे और राजनीतिक सहमति न बन पाने की वजह से तीन तलाक पर संशोधन बिल पास नहीं हो सका था. मोदी कैबिनेट ने इस बिल में 9 अगस्त को तीन संशोधन किए थे,
जिसमें ज़मानत देने का अधिकार मजिस्ट्रेट के पास होगा और कोर्ट की इजाज़त से समझौते का प्रावधन भी होगा. अब इस अध्यादेश को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. वहीं पीएम मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में कहा था कि तीन तलाक प्रथा मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय है. तीन तलाक ने बहुत सी महिलाओं का जीवन बर्बाद कर दिया है और बहुत सी महिलाएं अभी भी डर में जी रही हैं. Triple Talaq को लेकर हिन्दी में शॉर्ट फिल्म बनाई जा चुकी हैं. नवाजुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui ) की शॉर्ट फिल्म ‘मियां कल आना’ भी काफी पॉपुलर रही. नवाजुद्दीन सिद्दीकी एक्टर से प्रोड्यूसर तक का सफर तय कर चुके हैं. यह 17 मिनट 20 सेकेंड की फिल्म है
पहली शॉर्ट फिल्म दुनिया भर के 23 इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल्स और दस पुरस्कार जीतने के बाद अब यूट्यूब पर वायरल हो रही है. नवाजुद्दीन सिद्दीकी की बतौर प्रोड्यूसर फिल्म ‘मियां कल आना’ को 18 जनवरी को यूट्यूब पर रिलीज किया गया था. फिल्म की कहानी मुस्लिम समाज में व्याप्त हलाला की प्रथा को निशाना बनाकर बनाई गई है, जिसमें इस प्रक्रिया से गुजरने वाले लोगों की व्यथा को पेश किया गया है.
“तीन तलाक के बाद की प्रक्रिया के दौरान मुस्लिम दंपती हलाला के तहत क्या-क्या झेलती है और इस प्रक्रिया के रूप में मुस्लिम औरत कितनी असहाय होकर सिर्फ एक वस्तु बनकर रह जाती है, फिल्म के माध्यम से इसी बात को दिखाने की कोशिश की गई है.”
पहला संशोधन
पहले का प्रावधान
इस मामले में पहले कोई भी केस दर्ज करा सकता था. इतना ही नहीं पुलिस खुद की संज्ञान लेकर मामला दर्ज कर सकती थी.
संशोधन
अब पीड़िता, सगा रिश्तेदार ही केस दर्ज करा सकेगा
दूसरा संशोधन
पहले का प्रावधान
पहले गैर जमानती अपराध और संज्ञेय अपराध था. पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती थी.
संशोधन
मजिस्ट्रेट को ज़मानत देने का अधिकार होगा.
तीसरा संशोधन
पहले का प्रावधान
पहले समझौते का कोई प्रावधान नहीं था.
संशोधन
मजिस्ट्रेट के सामने पति-पत्नी में समझौते का विकल्प भी खुला रहेगा
रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस को घेरा
तीन तलाक पर अध्यादेश को मंजूरी देने के कैबिनेट के फैसले के बाद केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मीडिया ने इस मामले को विस्तार से छापा है। इस दौरान कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि वोट बैंक के दबाव में कांग्रेस ने तीन तलाक बिल को समर्थन नहीं दिया। कांग्रेस के विरोध को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘अगर कांग्रेस पार्टी को इंसाफ और इंसानियत में भी राजनीति दिखाई देती है तो उसे समझाने का काम हमारा नहीं है।’ इसके अलावा उन्होंने अपील करते हुए कहा कि सोनिया गांधी, ममता बनर्जी और मायावती को इस मुद्दे पर सरकार का साथ देना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष मुल्क में बड़ी संख्या में महिलाओं के साथ नाइंसाफी हो रही थी। तीन तलाक का यह मुद्दा नारी न्याय और नारी गरिमा का मुद्दा है।’ उन्होंने कहा कि अपराध संज्ञेय तभी होगा, जब खुद पीड़ित महिला या उसके परिजन शिकायत करेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि सिर्फ पीड़िता पत्नी ही चाहेगी तभी समझौता होगा। मजिस्ट्रेट बेल दे सकता है, मगर वह भी पीड़िता की सहमति से ही। उन्होंने कहा, अन्य प्रावधान के संबंध में, मां/पीड़ित पत्नी को नाबालिग बच्चे की कस्टडी मिलनी चाहिए। वो खुद अपने लिए (पीड़िता) और अपने बच्चे के लिए मजिस्ट्रेट द्वारा निर्धारित रखरखाव की हकदार होगी।
कांग्रेस का भाजपा पर आरोप
कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार इसे मुस्लिम महिलाओं के लिए न्याय का मुद्दा नहीं बना रही है, बल्कि सरकार इसे राजनीतिक मुद्दा बना रही है।
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